क्या सरकार को पता नहीं था कि देश में सुरक्षा की व्यवस्था की स्थिति इतनी लचर है यहाँ कहीं भी कभी भी किसी भी अप्रिय वारदात को आसानी पूर्वक अंजाम दिया जा सकता है ! आखिर यदि सरकार को अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर इतना ही भरोसा होता तो अपने गाली गलौच पसंद बाबा जी को अलग से सिक्योरिटी क्यों दी जाती !उन्हें अलग से सुरक्षा प्रदान करने का मतलब ही साफ है कि सरकार की दृष्टि में सरकारी सुरक्षा व्यवस्था विश्वसनीय नहीं है ! इसलिए सरकारी लोग स्वयं तो सुरक्षा ले लेते हैं और अपने बाबाओं को सुरक्षा दे देते हैं बाकी जनता को छोड़ देते हैं आतंकवादियों उग्रवादियों के भरोसे वो जब जिसे जहाँ जैसे चाहें मारें या करके छोड़ दें , असम जैसी घटनाएँ प्रकार की गैर जिम्मेदार मनोवृत्ति की देन हैं ! सरकारी लोग बाद में जाकर घायलों को अस्पताल भेजवा देते हैं , मृतकों को कुछ मुवाबजा की घोषणा कर देते हैं ,और आतंक वादियों को कड़ा सन्देश दे देते हैं !और बस वापस दिल्ली, क्या सरकार केवल इतने लिए ही बदली गई थी !एक भी निर्दोष आदमी मारा तो क्यों ? आखिर क्यों सरकार की जवाब देही !
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