Friday, 27 February 2015

बाप बेटे सरकार के विरुद्ध पहले इतना प्रचार फिर उन्हीं बाप बेटे पोता पोती परिवार के साथ इतना प्यार !

वारे मोदी जी!कार्यकर्ताओं को तो  पैर भी नहीं छूने देते और लालूमुलायम से हाथ मिलाते घूम रहे हैं अाश्चर्य !!
 लालू की बेटी की शादी, पीएम बने बाराती-एक खबर

   आपस में नेताओं की चुनावी प्रचार के लिए तो तकरार बाक़ी सब प्यार ही प्यार !ये नेता चुनावों में जिन्हें गाली देते हैं चुनावों के बाद उन्हीं से प्रेम से मिलते हैं बेचारी जनता चुनावों में जिससे हमदर्दी जताते थे उसे तो मिलने तक का समय भी नहीं देते !जरूरत मंद लोगों से मिलने के लिए उनके पी.ए.कह  देते हैं समय नहीं है और राजनैतिक विरोधियों को उनके घर जाकर मिलते हैं ये है राजनीति ! 
     बड़े लोगों के यहाँ ही हर कोई जाता है और बड़े लोगों को ही हर कोई बुलाता है और जनता बेचारी  कभी बड़ी बन ही नहीं पाती वो तो खुद सरकारों की कृपा पर दिन काट रही होती है इसलिए प्रधानमंत्री जी को बुला पाने का साहस वो कैसे कर पाती !और यदि बुलाने पहुँचे भी तो आने की बात तो दूर क्या उसे ये सौभाग्य भी नसीब होगा कि बो अपने हाथ से निमंत्रण पत्र भी  प्रधान मंत्री जी को भेंट कर पाएँ !उनमें भले ही भाजपा के वो कार्यकर्ता भी क्यों न हों जिन्होंने मोदी जी को  प्रधान मंत्री बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया था दूसरी ओर वे लालू मुलायम जिन्होंने मोदी जी को प्रधानमंत्री न बनने देने के लिए ऐंड़ी छोटी का जोर लगा दिया था ! उसके लिए उन्होंने  कोई कोर कसर छोड़ी भी नहीं थी फिर भी उन  लालू मुलायम से गले मिल रहे हैं जबकि मोदी जी और सुना है कि अपने  कार्यकर्ताओं को पैर भी छूने से मन कर देते हैं आप !अपना अपना भाग्य !भाजपा के कार्यकर्ताओं के समर्पण में कमी कहाँ है बशर्ते नेतृत्व उनके समर्पण को मजबूरी न समझे !वो भी नेतृत्व का दुलार तो चाहते ही हैं नेतृत्व उनसे मिल लेता है उनके सुख दुःख सुन लेता है उनके साथ फोटो खिंचा लेता है कार्यकर्ता खुशी से झूम उठता है खिलखिला उठता है फिर इन्हीं लालू मुलायमों की गालियाँ गोलियाँ लाठियाँ डंडे खा खाकर फिर उठा लेता  है अपने हाथ में पार्टी का पवित्र ध्वज और निकल पड़ता है अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए इन्हीं लालू मुलायमों से जूझने !



No comments:

Post a Comment