Friday, 27 February 2015

नरेंद्र मोदी जी की सरकार के विरुद्ध अभी से हुल्लड़ करना ठीक नहीं है !अभी कुछ करने भी तो दीजिए !!अन्यथा चारवर्ष का लंबा समय क्या अविश्वास पूर्वक ही बिताया जाएगा ?

   प्रधानमंत्री सारे देश का प्रतिनिधत्व करता है इसलिए उसे कमजोर करके प्रस्तुत करना ठीक नहीं होगा !

  यदि मोदी जी पर विश्वास नहीं था तो इतना बहुमत क्यों दिया और यदि विश्वास किया है तो थोड़ा धैर्य भी करना चाहिए हो न हो उन्होंने भी कुछ अच्छा ही सोचा हो !

अभी नौ महीने के कार्यकाल में इस सरकार में कोई घपला घोटाला नहीं मिला है जनहित के कई कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया गया है विदेशी शाख बनाई एवं बढ़ाई गई है सबके बाद हर किसी की शंकाओं के समाधान करने के पारदर्शी प्रयास किए जाते हैं इतने के बाद भी भूमि अधिग्रहण जैसे बिलों के विरुद्ध सामाजिक तौर पर सीधे चुनौती देने लगना इसलिए ठीक नहीं है कि चुने हुए प्रधानमंत्री को भी कुछ अधिकार तो देने पड़ेंगे वो अन्ना जी की सरकार की तरह हर बात के लिए जन सर्वेनाम का प्रचार प्रसार हो सकता है कि उन्हें पसंद ही न हो इसलिए नहीं किया गया है फिर भी सरकार के द्वारा संसद में स्वतंत्र समाधान की व्यवस्था के लिए  सम्मानित सदस्यों को आमंत्रित किया गया है फिर भी सर्वोपरि बात ये है कि यदि मोदी जी गुजरात का विकास करने में सफल हुए हैं तो देश का विकास करने में भी सफल होंगे वो PM के रूप में पूरी तरह नौसिखिया नहीं हैं चूँकि वो CM के रूप में कई वर्ष तक लोकप्रिय शासन चला चुके हैं । 

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