सिर्फ बेईमानों को मिलता है पद्म पुरस्कार - शरद यादव 'आजतक'
किंतु ये केवल वर्तमान सरकार में ही नहीं है हर समय होता है किंतु शरद जी
को खटका आज ही क्यों ?दूसरी बात पुरस्कार दे या न दे ये सरकार का विषय है
किंतु जिन्हें मिलता है उनका क्या दोष !उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग क्यों किया जाए !दूसरी बात केवल
पद्म पुरस्कार ही क्यों अन्य क्यों नहीं ! सच बात तो ये है कि सरकार से कुछ
भी लेने के लिए ईमानदारी का रास्ता है ही कौन ?कई शिक्षकों को ऐसा देखा जा
सकता है जो स्कूल बहुत कम जाते हैं तो पढ़ाएँगे क्या स्वाभाविक है अपने से
सीनियर लोगों के आगे पीछे दुम हिलाया करते हैं उसी के बलपर उन्हें मिल जाता
है उत्तम शिक्षक पुरस्कार ! उनके विद्यार्थियों से पूछो तो पता लगता है कि
वे क्लास में ही नहीं आते हैं !कुल मिलाकर जिस पार्टी की सरकार बनती है वो अपनों अपनों को बाँटती है सारी सुख सुविधाएँ संपत्ति और सम्मान । अटल जी !जैसे श्रद्धापुरुष का इतना विराट व्यक्तित्व भारत रत्न के लिए काँग्रेसी सरकारों को कभी नहीं दिखाई पड़ा !तो ये राजनीति में हर जगह होता
है और तो और साधू संन्यासी तक जिस पार्टी के प्रचार में जोर शोर से आवाज
उठाते हैं उस पार्टी की सरकार बनती है तो उन्हें भी कुछ न कुछ तो सहारा
होता ही है कि हमें भी कुछ उपहार तो मिलेगा ही और मिलता भी है किसी को सुरक्षा किसी को पुरस्कार किसी को मंत्रालय आदि अादि और भी बहुत कुछ !और
जो किसी पार्टी की चमचागिरी नहीं कर पाता है वो बिना पुरस्कार के घूमता है
जीवन भर ! देखो किसानों को जो देश और समाज के लिए सबसे बड़ा बलिदान करते हैं
किंतु उन्हें पुरस्कार की कौन कहे मुशीबत में नष्ट हुई फसलों के मुआबजा की राशि तक इतनी कम दी जाती है कि समझ में ही नहीं आता है कि ये मुआबजा है या मजाक !
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