Sunday, 7 June 2015

आखिर आम आदमी पार्टी वाले किसी को कुंडली क्यों नहीं दिखा लेते !
ओह तो ये है आम आदमी पार्टी का रामराज्य !जिसका बखान करने के लिए इतना बड़ा अमाउंट ! 
आम आदमी पार्टी के वर्त्तमान नेता गण जब लोकपाल पास कराना चाह रहे थे तो उसमें रोड़ा लगा रहा फिर पहली सरकार बनाना चाह रहे थे तब उसमें रोड़ा लगा रहा उसके बाद चार दिन की सरकार उसमें भी मुख्य मौके पर नायक बीमार!फिर स्पीकर बनाने में रोड़ा लगा ! अबकी जब से चुनाव जीते तब से सारी  दिल्ली को सर पर उठाए घूम रहे हैंअंदर वालों से लड़कर उन्हें भगा रहे हैं बाहर वालों से लड़कर ताकत दिखा रहे हैं उपराज्य पाल से लड़ाई, केंद्र से लड़ाई, मीडिया से लड़ाई वैसे भी जब से आम आदमी पार्टी दिल्ली के आस्तित्व में आई तब से स्थिति विषम सी ही  बनी हुई है ! स्कूलों में शिक्षा नहीं है ,अस्पतालों में चिकित्सा नहीं है धन के अभाव में सफाईकर्मियों ने कूड़ा फैला रखा था दिल्ली में तब पैसा नहीं था आज महँगाई चरमसीमा पर है फिर भी आत्म विज्ञापन कितनी निष्ठुर है दिल्ली सरकार जो पैसा आम आदमी के काम आना चाहिए वो लगाया जाएगा बदनामी को ईमानदारी में बदलने के लिए !!
       धन्य हैं आम आदमी पार्टी के नेता जो इतनी जल्दी इतने कम प्रयास में राम राज्य लाने में सफल हो गए जिसके बखान करने के लिए उन्हें चाहिए जनता के धन का इतना बड़ा अमाउंट ! फिर भी बधाई हो आम आदमी पार्टी वालों को !
राजनीति में सरकार बनाने लिए राजनैतिक दल अक्सर पहले हम पहले हम वाले फार्मूले पर काम करते हैं किन्तु दिल्ली के राजनैतिक महापुरुषों में अब शिष्टाचार की होड़ सी लगी see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2013/12/blog-post_31.html
मनुवाद का विरोध क्यों ?
जातिगत आरक्षण का आधार ही है मनुस्मृति ! फिर मनुवाद का विरोध या मनुस्मृति को जलाने का नाटक क्यों ?
मनुस्मृति दहन दिवस का मतलब है मनुस्मृति जलाने का दिन !अर्थात इस दिन मनुस्मृति जलाई गई थी !!!
जो जातिगत आरक्षण के बिना घर की रसोई नहीं चला पाते वे मनुस्मृति जलाकरके लोगों को देश चलाने के सपने दिखा रहे थे वो भी बिना आरक्षण के !
जो जातिगत आधार पर मिलने वाले आरक्षण के समर्थक हैं उन्हें ये भी तो सोचना see more...http://samayvigyan.blogspot.in/2014/12/blog-post_27.html
बलात्कार बंद करने के लिए प्यार की सार्वजनिक गतिविधियों पर लगाया जाए प्रतिबन्ध !
जो जिसे चाहता है वो यदि उसे पाने में सफल हो जाए तो विवाह और यदि ऐसा न हो तो रेप, गैंग रेप, हत्या या आत्महत्या आदि कुछ भी … ! इसलिए प्यार की सार्वजनिक प्रक्रिया पर ही क्यों न लगाया जाए प्रतिबन्ध !
आधुनिक प्यार में प्यार जैसा कुछ होता नहीं है ये तो मूत्रता के लिए बनाई गई छद्म मित्रता होतीsee more...http://snvajpayee.blogspot.in/2014/06/blog-post_6.html

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