मोदीयोग का खौफ था या कुछ और !जाने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी वो भी तब जब सारा विश्व मना रहा था योगदिवस !
काँग्रेस के बड़े नेता विदेश से वापस लौटे !योग दिवस के एक दिन पहले चले गए थे !
चलो रमेश महाराज जी की मेहनत रंग लाई !कुछ कागज दिखाकर मीडिया का ध्यान तो खींचा ! इससे और कुछ हुआ हो न हुआ हो अपने नेताओं की हिम्मत बाँधकर वापस तो लौटा लाए ये कोई सामान्य सफलता तो नहीं है ।वास्तव में उस समय मोदी विरोधियों और योग द्रोहियों के लिए देश में कितना भयावह वातावरण था !ऐसे में किसी भी विरोधी के लिए भाग खड़ा होना ही सर्वोत्तम विकल्प था !
बंधुओ !मोदी जी के योग दिवस का विरोधियों में खौफ ही ऐसा था कि लोग मुसीबत के समय अपने अपने घर गाँव की ओर ही भागते हैं और उस समय वही ठीक भी था ,मीडिया विश्व योग दिवस की इतनी प्रशंसा किए जा रहा था कि मोदी विरोधियों और योग द्रोहियों के हृदय में आग सी लगा रहा था जो चैनल खोलो तो वही योग की आग उगल रहा था वो !
विरोधी नेताओं को अपने बारे में कुछ सुनने को ही नहीं मिल रहा था बस
योग ही योग था कुल मिलाकर देश की हवा में ही योग की आग उड़ रही थी चूँकि ये सुलगाई मोदी जी की थी इसलिए घबड़ाकर कुछ आगे कुछ पीछे विरोधी सभी लोग धीरे धीरे पलायन कर गए थे !अब जब अपनी पार्टी के मालिकों का भय सेवकों ने समझा तब उन्होंने उनका डर भगाने के लिए भाजपा पदाधिकारियों के
विरुद्ध कुछ कागजी संपत्ति तैयार की जो मीडियावालों को सुँघाई !तब मीडिया
वालों का थोड़ा ध्यान भटका तब आने लायक माहौल बना और तब आए !खैर ,समझदारी भी इसी में
है !
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