Monday, 8 February 2016

दिल्ली सरकार को अब क्यों नहीं दिखाई पड़ते दिल्ली की जनता पर हो रहे अत्याचार !!

    दिल्ली में गुंडागर्दी के बल पर एक बिल्डिंग के लोगों को इतना डराया धमकाया जा रहा हो कि लोग जीवन के जरूरी संसाधनों के बिना घुट घुट कर जी रहे हों !बिल्डिंग छोड़ छोड़ कर जाने पर मजबूर कर दिए जाएँ फिर भी सरकारें अपने स्वच्छ प्रशासन से खुश हों तो बनी रहें ! 
  एक बिल्डिंग की टॉप फ्लोर में रहने वाले सरकारीकर्मचारियों या सोर्सफुल लोगों की गुंडागर्दी से त्रस्त लोग पिछले दो वर्ष से बूँद बूँद पानी के लिए परेशान हैं सामूहिक बिल्डिंग की छत पर रखी टंकियों में मरे चूहे कबूतर बन्दर बिल्ली कुछ भी डाल दी जाती हैं टंकियाँ फाड़ दी गईं मोटरें ख़राब कर दी गईं पाइपों में वो सब कुछ घुसा दिया गया जिससे उसमें पानी का आना जाना न हो सके बिल्डिंग बनने की 18 वर्षों बाद वो कहते हैं कि हमने छत खरीद ली है इसलिए टंकियों में पानी नहीं भरने देंगे इन टॉप फ्लोर वालों में से कोई अपने को पुलिस अफसर बताता है तो कोई शिक्षक तो कोई लोक सभा का कर्मचारी नेता या वकील !कुलमिलाकर अपने अपने कल्पित ओहदे बता बता कर इतना डरा धमका रखा है कि घरों में पिछले एक वर्ष से पानी नहीं है किंतु कोई कम्प्लेन करने को तैयार नहीं है !जिन्होंने 18वर्ष पहले फ्लेट ख़रीदे थे वे अपनी पानी की टंकियाँ लेकर अब कहाँ जाएँ पिछले एक वर्ष से टॉप फ्लोर वालों ने पानी भरना बिलकुल बंद करा दिया है टंकियां रखने के बदले रंगदारी माँगते हैं ये लोग !छत पर जाने आने के रास्ते में ताला लगा दिया है उन लोगों ने !
     इनके अत्याचारों के कारण ही पिछले दो वर्षों से बेस मेंट में पानी भरा है बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है !इसी गुंडागर्दी के कारण  बिल्डिंग के मेन  गेट का ताला पूरी रात खुला पड़ा रहता है कोई अपराधी या आतंकवादी वेसमेंट से लेकर कहीं भी कितना भी विस्फोटक रखकर चला कोई रोकने टोकने वाला नहीं होता है ईश्वर न करे कहीं कोई हादसा हो ही जाए तब सभी नेता अफसर मीडिया कर्मी परिक्रमा कर रहे होंगे इस बिल्डिंग की किंतु तब तक कोई देखने सुनने को तैयार नहीं है उचित होता कि कोई सक्षम अधिकारी एक बार जाँच कर लेता और अपने विवेक से निर्णय लेकर दोषियों पर कार्यवाही करता किंतु वो ऐसा करे क्यों जब कोई दुर्घटना घटती है जाँच कमेटियाँ तो उसके बाद ही बनाई जाती हैं और तभी शोभा भी देती हैं !खैर !!
अब बात बिस्तार से -
     k-71,छाछी बिल्डिंगचौक ,कृष्णानगर ,दिल्ली 51 की 'दुग्गल बिल्डिंग' में 16 फ्लैट हैं नीचे के बेस मेंट की तरह ही छत पर सबका समान रूप से आना जाना रहता रहा है !बेस मेंट में सबकी पानी की मोटरें लगी हुई हैं और छत पर सबकी पानी की टंकियाँ सामूहिक रूप से रखी हुई हैं कुछ लोगों ने अपनी अलग अलग भी लगवा रखी हैं । सबके अपने अपने फ्लेट हैं फ्लैटों के अलावा छत ,सीढ़ियाँ,बेसमेंट आदि का उपयोग सभी लोग समान रूप से पिछले 18 वर्षों से करते चले आ रहे थे लगभग पिछले दो वर्ष पहले छत का सामूहिक ताला बिल्डिंग के टॉप फ्लोर के लोगों ने अचानक बदल दिया और जो ताला लगाया गया उसकी चाभी केवल टॉप फ्लोर वालों के पास ही है !टॉप फ्लोर वालों ने अपनी अपनी टंकियां अलग अलग लगा रखी हैं जो अभी भी चालू हैं !
    इन्हीं टॉप फ्लोर वालों के द्वारा पानी की सामूहिक टंकियाँ अब इस स्थिति में पहुँचा दी गईं हैं कि मोटर पाइप टंकियां आदि सारा सिस्टम ही नष्ट भ्रष्ट कर दिया गया है  जबकि हम लोगों के पास छत की ताली नहीं थी हमें देखने तक नहीं जाने दिया गया !टंकियाँ रखने के बदले ये लोग रंगदारी के लिए लोगों से पैसे माँगे जाने लगे कुछ लोगों से पैसे लिए भी गए ! किंतु टंकियाँ  ठीक नहीं कराने दी गईं !लगभग एक वर्ष हो रहा है फ्लैट नं 1, 2,3,4,5,7,8,9,11,12 का पानी इन लोगों के द्वारा बंद कर दिया गया है अब तो पीने वाले पानी से ही सारा काम करना होता है जिस दिन पानी न आवे उस दिन बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं !
    इधर बीते कुछ वर्षों से सामूहिक पानी की टंकियों में कूड़ा कचरा से लेकर मरे हुए कबूतर चूहे बन्दर के बच्चे यहाँ तक कि एक बार मरी बिल्ली पड़ी मिली दो तीन वर्ष पहले तक ऐसा नहीं होता था इससे ये उन लोगों की शरारत लगती है !जब कभी टंकियों में वो लोग गंदगी डालते थे तो कई कई दिन तक उस गंदे पानी का ही कुल्ला करने बर्तन धोने तक में उपयोग हुआ करता रहा है छत की ताली जिनके पास थी मर्जी उनकी जाने दें न जाने दें !और वो लगभग बहुत कम ही जाने देते थे लोगों को डांटकर भगा दिया करते थे कई लोग तो फ्लेट बेचकर भाग गए !
   पिछले लगभग एक वर्ष से सामूहिक मोटरें ख़राब करने से लेकर पाइपों में कंकड़ फँसाने से टंकियाँ  फाड़ने उन्हें खोलकर हटा देने तक के वो सारे उपद्रव किए गए जिससे उन टंकियों में पानी न भरा जा सके !टॉप फ्लोर में रहने वाले राजेंदर शर्मा जो न केवल अपने को 'पुलिसअफसर' कहते हैं अपितु इसी रूप में उन्होंने अपने को प्रचारित भी कर रखा है !वो साफ साफ कहते हैं कि टंकियों में अब किसी को पानी नहीं भरने दिया जाएगा !छत हमने खरीद ली है न केवल इतना उनकी पुलिसिया गाली गलौच मारपीट बड़ी बड़ी प्रशासनिक धमकियों से लोग इतना डरे हुए हैं कि उनके विरुद्ध कहीं कम्प्लेन करने से भी डरते हैं उनका मानना है कि हमारी कही सुनवाई नहीं होगी!
ऐसे ही अत्याचारों से तंग आकर लोगों ने वैध या अवैध रूप में ही सही प्लंबरों से कारर्पोरेशन वाले पानी से स्वयं ही कनेक्सन करवा लिए हैं जो मोटरें  घंटों चलानी पड़ती हैं मोटरों से पानी गिरा करता है जिससे बेसमेंट में पिछले दो वर्षों से पानी भरा है निकालने पर फिर भर जाता है !इससे बिल्डिंग दिनों दिन कमजोर होती चली जा रही है !
मोबाईल टावर से लेकर इस रिहायसी बिल्डिंग में चलने वाले व्यवसायिक कार्यों के कारण अपरिचित लोगों का बिल्डिंग में कभी भी कहीं भी आना जाना बना रहता है वो बेसमेंट से लेकर कहीं भी कुछ भी रख सकते हैं यहाँ तक कि रात में भी बिल्डिंग का मुख्य गेट खुला रहता है बिल्डिंग के बेस मेंट में कोई कहीं भी कितना भी विस्फोटक रखकर चला जाए तो कोई देखने रोकने वाला नहीं होता है !      
छत के एक कोने में लगे मोबाईल टावर से मिलने वाला बिल्डिंग मेंटिनेंस भी टॉप फ्लोर वालों के पास ही होता है वो बिल्डिंग पर खर्च नहीं होता है !या तो उससे बिल्डिंग मेंटिनेंस हो और या फिर छत से टावर हटवाया जाए तो बिल्डिंग वाले खुद अपने खर्चे से करवा लेंगे बिल्डिंग मेंटिनेंस और टावर हटने तथा व्यापारिक गतिविधियाँ घटने से  बिल्डिंग का मुख्यगेट भी बंद होने लगेगा !

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