कानूनों का दुरूपयोग देश की भोली भाली जनता को डराने धमकाने और लूटने के लिए धड़ल्ले से हो रहा है !इसमें सरकारें और सरकारी मशीनरी अक्सर अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित दिखाई देती है इस सच्चाई को देश का गुंडा माफिया अपराधी वर्ग समझ चुका है !यही कारण है कि इस अपराधी वर्ग ने सभी प्रकार के अपराधों को करने की प्राइसलिस्ट बना ली है कि किस अपराध को करने के लिए किसको क्या देकर बचा जा सकता है !और ऐसा करके उसने सरकारों एवं सरकारी मशीनरियों पर ऐसी अचूक पकड़ बना ली है कि चुनावों के समय राजनैतिक पार्टियाँ चुनावी विजय के लिए उनसे मदद माँगती है और वो करते हैं उनका सहयोग !क्योंकि कोई भी दल जब तक सत्ता में रहता है उसका रुतबा तभी तक रहता है किंतु अपराधियों का सिक्का हमेंशा चलता है दूसरा नेता जिस पार्टी में होते हैं उसकी जब सरकार बनेगी नेता तब प्रभावी रहते हैं किंतु अपराधियों की पकड़ सत्ता पर हमेंशा रहती है !किसी सरकार की जुर्रत नहीं है कि वो अपराधियों का बाल भी बाँका कर सके !
जो नेता या राजनैतिक दल भ्रष्टाचार मिटाने के बड़े बड़े नारे लगाते हुए बीर रस की बड़ी बड़ी बहादुरी की बातें करके सत्ता शिखरों तक पहुँचते हैं वहाँ गुंडों माफियाओं अपराधियों का इशारा पाते ही दुम हिलाने लगते हैं वो लोग !और वो साक्षात सरकार लोग भी उन अपराधियों से सर सर करके बातें करने लगते हैं । जिन अपराधियों भ्रष्टाचारियों को देखकर उनकी चड्ढी गीली हो रही होती है तो आराम पसंद सरकारी मशीनरी की क्या बिसात कि वो उनसे पंगा ले !इसीलिए गुंडों माफियाओं अपराधियों पर लगाम कसना तो दूर कई जगह इन्हीं कानून के अपराधियों के लिए काम करते देखी जा सकती है सरकारी मशीनरी ! उसमें भी यदि ये हाल दिल्ली का हो तो देश का क्या होगा कल्पना की जा सकती है !
भ्रष्टाचार भगाने के नाम पर विपक्ष में रहकर शेरों की तरह दहाड़ने वाले नेता लोग CM - PM बनते ही म्याऊँ म्याऊँ करने लगते हैं !अपराधियों का लट्ठ देखते ही बड़ों बड़ों की अकल ठिकाने आ जाती है !बड़े बड़े बड़बोले नेताओं को ईमानदारी की बड़ी बड़ी बातें करते देखा गया किंतु सत्ता मिलते ही पूँछ उठाओ तो नंगे दिखाई पड़ते हैं अधिकांश नेता लोग !महीनों वर्षों तक जनता से आँखें मिलाने लायक नहीं रह जाते !जिन अपराधियों भ्रष्टाचारियों के पहले कभी नाम गिनाया करते रहे थे उनकी सैकड़ों फाइलें दिखाया करते थे सत्ता मिलते ही उन कायरों ने कभी कोई चूहा तक नहीं पकड़ा अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के आरोप में आपस में
दिल्ली
तो देश की राजधानी है यहाँ कानूनों के पालन पर की है तो बाहर क्या होता
होगा ! होंगे किंतु कार्यवाही नहीं होती ! जब ये देश केजरीवाल जी ! जनता
आपको अपनी बात बताए तो कैसे ! आपने गुंडागर्दी मुक्त
गुंडों माफियाओं अपराधियों पर लगाम कसने वाले कानून किस काम के जब जनता के भरोसे पर खरे नहीं उतरते !
दिल्ली तो देश की राजधानी है यहाँ कानूनों के पालन पर की है तो बाहर क्या होता होगा ! होंगे किंतु कार्यवाही नहीं होती ! जब ये देश केजरीवाल जी ! जनता आपको अपनी बात बताए तो कैसे ! आपने गुंडागर्दी मुक्त शासन देने की बात की थी ! आपने जरूरी सुविधाएँ देने की बात क...
दिल्ली तो देश की राजधानी है यहाँ कानूनों के पालन पर की है तो बाहर क्या होता होगा ! होंगे किंतु कार्यवाही नहीं होती ! जब ये देश केजरीवाल जी ! जनता आपको अपनी बात बताए तो कैसे ! आपने गुंडागर्दी मुक्त शासन देने की बात की थी ! आपने जरूरी सुविधाएँ देने की बात क...
भ्रष्टाचार भागना तो दूर ये नेता और ये नियत और ये राजनीति भ्रष्टाचार का बाल तक बाँका नहीं कर सकते !
न पालन करने की ठेकेदारी क्या केवल जनता
ये दो कौड़ी के लोग !
भ्रष्टाचार का विरोध करने के लिए जो चरित्र संकल्प एवं कर्मठता राजनेताओं में होनी चाहिए वो वर्तमान समय में राजनीति को सूट ही नहीं करती है !
केजरीवाल जी देश आपकी ईमानदारी के आतंक से आहत है दिल्ली का ये हाल है !
बहुमत माँगा जनता ने दिया भी किंतु भ्रष्टाचार से लेकर गुंडागर्दी तक कहाँ कुछ काम हुआ केजरीआल जी तुम बातों के आलावा तक लोग बन जाते हैं !
दिल्ली तो देश की राजधानी है यहाँ कानूनों के पालन पर की है तो बाहर क्या होता होगा ! होंगे किंतु कार्यवाही नहीं होती ! जब ये देश
केजरीवाल जी ! जनता आपको अपनी बात बताए तो कैसे !
आपने गुंडागर्दी मुक्त शासन देने की बात की थी ! आपने जरूरी सुविधाएँ देने की बात की थी किंतु केजरीवाल जी ! और तो सारी बात छोड़ दीजिए आप केवल इतना बता दीजिए कि आपके राज्य में जनता अपनी समस्याएँ बताए किसे !
केजरीवाल जी ! दिल्ली में अब भी भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के विरुद्ध शिकायती पत्र रख तो लिए जाते हैं किंतु कार्यवाही नहीं की जाती है कम्प्लेन शासन प्रशासन में इतना ज्यादा भ्रष्टाचार है कि गलती
दिल्ली जैसी जगहों पर भी
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