Tuesday, 23 August 2016

कानपुर पुलिस एक सप्ताह में तीन बार पिटी ! आखिर क्यों घटा पुलिस का रुतबा ? देश के सरकारी अधिकारी कर्मचारियों का इतना पतन !

     कानपुर के नेता इसके लिए आंदोलन क्यों नहीं करते !पुलिस का सम्मान बचाना नेताओं और समाज की जिम्मेदारी नहीं है क्या !वो भी तो हमारे ही भाई बंधु हैं कानून ने उनके हाथ बाँध रखे हैं जहाँ हमें उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए !कानून की रक्षा हम करेंगे तो कानून हमारी रक्षा करेगा !
   कल्याणपुर थाना इतना लाचार क्यों है आम जनता ऐसे अधिकारियों कर्मचारियों से क्या उमींद करे जनता !और इनके कमजोर कन्धों के भरोसे सरकार इस क्षेत्र की जनता को सुरक्षित कैसे मानती है । 
       बंधुओ !ये कोई छोटी घटना तो नहीं है कि जिनके ऊपर समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वही सुरक्षित न हों वो भी कानपुर के कल्याण पुर थाने की पुलिस !कोई पिछड़ा क्षेत्र होता तो कुछ मजबूरी मानी भी जा सकती थी किंतु कानपुर का कल्याणपुर थाना जिसके एक ओर IIT है तो दूसरी ओर विश्व विद्यालय तीसरी ओर कृषि विश्व विद्यालय !यदि उपद्रवियों के हौसले ऐसे ही बढ़ते रहे तो इन तीनों शिक्षण संस्थानों को कैसे सुरक्षित माना  जाए और आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए !कानपुर प्रशासन से जुड़े बड़े से बड़े अधिकारियों से लेकर जिम्मेदार छोटे छोटे कर्मचारियों तक के लिए ये भयंकर शर्म की बात है कि अपनी  भ्रष्टनीतियों एवं अपनी भ्रष्ट कार्य शैली के कारण पिटते हैं सरकारी लोग !
        भिखारियों का कहीं सम्मान नहीं होता और पुलिस ने भीख माँगना न जाने कब से शुरू कर रखा है ऐसी परिस्थिति में सारे देश में ही पुलिस से लेकर हर विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों का न केवल सम्मान घटा है अपितु इनकी सैलरी भी देनी महँगी पड़ रही है देश को क्योंकि आम जनता को इनका कोई सहारा नहीं है जनता के मन में एक बात घर कर चुकी है कि ये भिखारी हैं इन्हें पैसे दोगे तो काम करेंगे अन्यथा नहीं करेंगे !रेड़ी पटरीवालों से 10 -10 रूपए माँगने के लिए हाथ फैला  देते हैं ये लोग !इन्हें इस बात की शर्म नहीं होती कि उनका हाथ केवल उनका नहीं है अपितु ये विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का वो पवित्र हाथ है जिन  हाथों पर देश की सारी  कानून व्यवस्था टिकी हुई है जिसके बल पर प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री कानून व्यवस्था कायम रखने का दंभ भरते हैं वे हाथ बिकने के लिए नहीं हैं इस बात पर सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों को गर्व होना चाहिए । पूर्वजों के पुण्य प्रभाव से माता पिता के आशीर्वाद से बच्चों के भाग्य से एवं आपके अपने पूर्व संचित अच्छे कर्मों से तुम्हें वो सरकारी नौकरी मिली है जिसमें आम जनता की आमदनी से कई गुना अधिक सैलरी मिलती है आपको ऊपर से सम्मान भी !इसके बाद भी तुम घूस लेते हो मर जाना चाहिए तुम्हें चिल्लू भर पानी में डूब के!तुम अपना गौरव कायम नहीं रख सके !हमें याद रखना चाहिए कि सम्मान दिया नहीं अपितु सम्मान पाने की अपने अंदर योग्यता पैदा करनी होती है ।  पुलिस का पिट जाना ये छोटी घटना नहीं है वो भी एक ही सप्ताह में तीन तीन बार वो भी एक ही थाना क्षेत्र की !ऐसे तो अपराधियों का और मनोबल बढ़ जाएगा !सरकार किसके बल पर गरजती है आखिर इन्हीं पुलिस वळून के बल पर और वही पिट जाएँ इसका सीधा सा मतलब है कि केवल पुलिस वाले ही नहीं अपितु सरकार पिटी है हमारी कानून व्यवस्था पिटी है हमारा लोकतंत्र पिटा  है जिसे हम सँभाल कर नहीं रख पाए !
   हमें ध्यान देना होगा कि ऐसी परिस्थिति पैदा क्यों हुई !आम जनता की समस्याएँ ये सुनकर हवा में उड़ा देते हैं एप्लीकेशनें रद्दी की टोकरी में फ़ेंक दी जाती हैं और अधिकारियों को अपने आप से काम करने की जरूरत क्या है उधर सरकार  इनसे कोई काम कहे क्यों !जरा जरा सी बातों की जाँच में छै छै महीने बर्बाद कर देते हैं ये अधिकारी कर्मचारी !इतने बुद्धू तो नहीं हैं ये लोग !आखिर इतने लापरवाह क्यों हैं अधिकारी कर्मचारी !अपनी सेवाओं से जनता का भरोसा जीतना इनका  दायित्व है किंतु जनता इन्हें चोर समझती है आखिर क्यों ? ऐसी घटनाएँ घट क्यों रही हैं एक सप्ताह में तीन बार आखिर क्यों पिटी है कानपुर पुलिस !इसके कारण न केवल खोजे जाने चाहिए अपितु सार्वजनिक भी किए जाने चाहिए ताकि औरों को भी प्रेरणा मिले !क्योंकि ये कानून व्यवस्था देश के सम्मान जुड़ा मामला है । 
   भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों के लिए कल्याणपुर स्वर्ग है यहाँ सैलरी के अलावा कई प्रकार से कमाई संसाधन बना लेते हैं अधिकारी कर्मचारी !ऐसी मेरी आशंका इसलिए है क्योंकि यदि ऐसा न होता तो जो लोग गलत या गैर कानूनी काम करते हैं उन्हें रोका क्यों नहीं जाता !उनके यहाँ जेई हो या पुलिस वाले हाथ फैला कर खड़े हो जाते हैं अपने दरवाजे के भिखारियों का कोई कितना सम्मान कर सकता है ये अपने अपने ह्रदय पर हाथ रखकर स्वयं सोचिए !चार लोग ऐसा करते हैं दो नहीं करते तो जनता उन ईमानदार लोगों की अलग से पहचान कैसे करे !सरकारी लोगों को घूस देकर दबंग लोग लोग सरकारी जमीनों के झूठे कागज बनवाकर बेच लेते हैं सरकारी जमीनें !कल्याण पुर में जितने पुराने या नए मकान बने हैं उनकी नाप की जाए और चेक किए जाएँ कागज और क्यों न ढहा दिए जाएँ अवैध निर्माण !यदि अधिकारी ईमानदार हैं तो तो उनका ये कर्तव्य है और यदि वो इस नहीं करना चाहते तो अधिकारी किस बात के !इसी कारण वे अपनी प्रतिष्ठा नहीं  बचा पा रहे हैं !
     इस क्षेत्र में अधिकारियों कर्मचारियों की कमाई के साधन ऐसे बन जाते हैं कि उन्हें पैसे खिला खिलाकर सरकारी जमीनों पर लोग कब्ज़ा कर ले रहे हैं उनकी प्लाटिंग करके उसे बेच दे रहे हैं कोई देखने वाला नहीं है । जब किसी गाँव की जमीन शहर के रूप में विकसित की जाती है तो बने हुए मकानों के नंबर दिए जाते हैं उसके अलावा  जमीनें विकसित की जाती हैं !या जिसकी जो जमीनें होती हैं उससे बेचीं खरीदी जाती हैं किंतु जिन  मकानों में नंबर भी नहीं हैं और उनकी कोई लिखा पढ़ी भी नहीं है न कोई कागजात ही हैं वो जमीनें अवैध नहीं तो क्या हैं !कल्याणपुर 'कला' के चारों ओर ऐसी लावारिस जमीनों के मालिक बने बैठे हैं दबंग लोग किंतु इन्हें रोके कौन !इनका पैसा सब जगह पहुँचता है क्यों कोई बोले !
        फूलेश्वर शिव मंदिर के पास हरीसिंह की बगिया में मेरा भी घर है अंधेर तो मैंने तब देखी जब एक 30 फिट चौड़ा रोड पक्का बनाया जा रहा था किंतु उसे तीन दिन तक केवल इसलिए रोके रखा गया ताकि उस  रोड के नीचे किसी का लेट्रीन का टैंक बनाया जा सके !बीचोंबीच रोड पर 10 बाई 12 फिट का काफी बड़ा और गहरा गड्ढा खोदा गया था उसमें लेट्रीन का टैंक जेई साहब की सहमति से बनाया गया उस टैंक के ऊपर से जेई साहब ने रोड निकलवाया !आज उसमें दस बारह फिट पानी भरा होगा यदि कोई सवारी निकले और वो रोड टूट जाए तो कितना बड़ा हादसा होगा ये कह पाना कठिन है । ऐसा कई जगह करवा रहे हैं जेई लोग !ऐसा करवाने वाले अधिकारी हैं या अपराधी ये निर्णय भी तो सरकार को ही करना होगा । 
    इसी प्रकार से सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा करके लोग बिना पिलर बनाए हुए 5 -5 इंच चौड़ी दीवारों पर चार चार मंजिल के घर बनाकर किराए पर उठा दे रहे हैं लोग !जेई साहब तो घूस लेकर चले गए अब यदि ऐसी बिल्डिंगें गिरती हैं तो उनमें रहने वाले लोग मरेंगे और पडोसी मरेंगे किंतु पैसा वो काम रहा है जिसका कोई रिस्क है ही नहीं !
        कानपुर में जो भी ईमानदार अधिकारी हैं उन्हें चाहिए कि वो अभी भी सभी जमीनों और मकानों की जाँच करवाएँ और जो भी अवैध या गैर कानूनी मकान बनें हैं या बिल्डिंग निर्माण नियमावली की आवश्यक शर्तों का पालन न करके बनें हैं उन्हें नष्ट किया जाना चाहिए !तब तो जनता को भी लगेगा कि ये दमदार अधिकारी हैं अन्यथा ऐसे हमले तो  होते ही रहेंगे !उन्हें रोकेगा आखिर कौन !
      

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