Monday, 10 October 2016

कल्याणपुर

     आदरणीय उपमुख्यमंत्री श्री केशव मौर्य जी
                                               आपको सादर नमस्कार

    बिषय :हमारे पड़ोसी के द्वारा हमारी दीवार तोड़कर दरवाजा रखने से रोकने हेतु !

     कानपुर के कल्याणपुर 'कला' की हरीसिंह की बगिया नामक मोहल्ले की है यहाँ हमने 1997 में जमीन  खरीद कर घर बनवाया था उसकी पक्की रजिस्ट्री है तबसे उसमें हमारे भाई साहब ब्रजकिशोर वाजपेयी जी उसी घर में सपरिवार रह भी रहे हैं वर्तमान समय मैं दिल्ली में रहता हूँ ।
      हमारे प्लाट के पूर्व दिशा में दीगर भूमि की बाउंड्री वाल है जिसका हमारे इधर से अभी तक कोई लेना देना नहीं है |इसलिए दीगर भूमि वालों की बाउंड्रीदीवार के साथ साथ हमारी दीवार भी बनी है |हमारी  तरफ चौड़ा रोड बनाने के लिए हमारी ओर पहले से जगह छोड़ी गई थी जिसकी कीमत प्लाट के साथ ही हमें चुकानी पड़ी थी यहाँ से रोड बंद है यह सहन देखकर ही हमने यह प्लाट ख़रीदा था | उस समय हमसे यह कहा गया था कि हमारे पूर्व दिशा वाली दीगरभूमि के लोग यदि इस रोड की आवश्यकता समझेंगे तो इस रोड को आगे ले जाने के लिए वे भी अपनी जमीन में से रोड बनाने के लिए जमीन देंगे और इसी रोड को तीस फिट आगे तक ले जाकर आगे वाले सरकारी रोड में मिलाकर हमारी ही तरह वे भी अपनी जगह में दरवाजा खोल सकते हैं |
       इसी नियम के तहत शत्रुघ्न सिंह जी ने अपने सामने वाले रोड को अपनी जमीन में आगे तक ले जाकर सरकारी रोड में मिला लिया है और उसी में  अपनी ही जमीन पर दरवाजा खोल  लिया है |
       महोदय !ऐसी ही परिस्थिति वाले हमारे दूसरे पड़ोसी भी हमारे वाले रोड पर दरवाजा खोलने का प्रयास कार रहे हैं जिसके लिए वे शत्रुघ्न सिंह जी की तरह रोड को आगे तक न ले जाकर अपितु जबर्दश्ती हमारी दीवार तोड़कर हमारे रोड पर दरवाजा खोल लेना चाहते हैं यह उस समझौते के विरुद्ध तो है ही इसके साथ ही हमारे दरवाजे का सहन समाप्त हो जाएगा |जिससे इतना पैसा लगाने के बाद भी हमारा दरवाजा न केवल कंजस्टेड हो जाएगा अपितु रोज विवाद होने की संभावना बनी रहेगी |
     श्रीमान जी !अतएव आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि हमारी इस दीवार को उन्हें तोड़ने न दिया जाए तथा यहाँ की जो स्थिति वर्तमान समय में है उसे ही आगे भी सुरक्षित रखने का निर्देश देकर   इस विवाद को हमेंशा हमेंशा के लिए समाप्त कर दिया जाए |

                                                                             निवेदक :
                                                              डॉ. शेष नारायण वाजपेयी
                                                            9811226973 \9811226983
                                                         प्लाट नं 27,फूलेश्वर शिव मंदिर के पीछे ,
                                                   हरी सिंह की बगिया ,कल्याणपुर कला,कानपुर
                                                                         उत्तर प्रदेश

      है  वो जमीन गाँवसमाज की सरकारी बताई गई थी। जिस पर  बाद में कब्ज़ा करके घेर लिया गया है पहले यहाँ पर कोई गाँव समाज का कोई तालाब था | ऐसा  बताया जाता है इस विषय में सच्चाई तो सरकार को ही पता होगी किंतु यदि ये जमीन  सरकारी निकलती है तो इस जरूरी रोड को आपस में  मिलाया भी जा सकता है जो जनहित की दृष्टि  से बहुत उचित होगा । 
   आज उस जमीन पर जिनका कब्ज़ा है उन्होंने उसी जमीन की बाउंड्री बना ली है और उसका दरवाजा  हमारी दीवार तोड़कर जबर्दश्ती हमारी ओर खोलने के लिए धमका रहे हैं |कहते हैं कि तुम्हारी इस दीवार को हम तोड़ देंगे | सरकार ने यदि  अपनी जमीन की ठीक से रखवाली की होती तो ये  रोड आपस में जोड़ा जा सकता था !और दीवार को तोड़ने की धमकी भी हमें नहीं मिलती उनकी यहाँ जमीन ही  नहीं होती और न ही उनका यहाँ दरवाजा ही होता !आप भी देखिए - 

      दोनों ओर से मिल रहे एरो के पास बनी हरी रेखा हमारे और दीगर भूमि वालों के बीच की बाउंड्री वाल है इस दीवाल के उधर से हमारा कोई मतलब नहीं है और इधर से उनका कोई मतलब नहीं होना चाहिए इस सिद्धांत का पालन पिछले 19 वर्षों से होता चला आ रहा है । आपसी शर्तों को तोड़ते हुए अब दीगर भूमि वाले लोग इस रोड को आगे बढ़ने से रोकने के लिए तो बीच रोड में दीवार खडी किए हैं इस अस्थाई निर्माण का उद्देश्य ही इस रोड को आगे न बढ़ने देना है । आप स्वयं देखिए -



A-  यह  मेरे घर का गेट है ।
B-दीगर भूमि वालों की काफी लंबी बाउंड्री वाल के साथ साथ बनी छज्जे के नीचे हमारी सफेद सी दीवार !दीगर भूमि वाले लोग इस दीवार को तोड़कर बिलकुल हमारे दरवाजे पर ही गेट रखना चाह रहे हैं |
C- ये  रोड आगे न बन और बढ़ सके इसलिए बीच रोड में किया गया अस्थाई निर्माण !इसके लगभग 25 फिट बाद पनकी रोड का लिंक रोड है जो सीधे पनकी रोड में मिलता है और पनकी रोड जीटी रोड में मिलता है । 
इस  रोड आगे बढ़ने से जबर्दस्ती रोका गया है दोनों तरफ से आए रोडों के आपसी गैप को आप स्वयं देखिए -

 यदि ये रोड आर पार आपस में मिला दिया जाए तो यहाँ रहने वाला बहुत बड़ा वर्ग इससे लाभान्वित हो सकता है यहाँ कितनी घनी बस्ती है आप स्वयं देखिए -


      यह बात लगभग सारे पुराने लोगों को पता है कि जहाँ ये रोड बनने से रोका गया है वो जगह गाँव समाज की होने के नाते सरकारी है । बताया जाता है कि यहाँ कोई तलाब  था उसे बंद करके वो जगह धीरे धीरे घेर ली गई है पहले बाउंड्री बनाई गई फिर  सरकार से डरते डरते अस्थाई निर्माण किए गए अब स्थाई निर्माण किए जाने लगे हैं थोड़े दिन बाद यहाँ बिल्डिंगें खड़ी दिखेंगी !कोई क्या कर लेगा । इसलिए सरकार अभी जाँच करवावे यदि ये जमीन वास्तव में सरकारी है तो फिर क्या दिक्कत है फिर तो दोनों रोडों को आपस में मिला दे ।

No comments:

Post a Comment