घूसखोरी ,बेईमानी गुंडागर्दी बंद करवाइए और बचा लीजिए दिल्ली में शांति पूर्वक रहने की इच्छा रखने वाले दिल्लीवालों का जीवन ! 
   दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की 
स्थिति यदि इतनी बिगड़ी हुई है तो बाकी देश के विषय में क्या परिकल्पना की 
जा सकती है !
     दिल्ली के कृष्णा 
नगर में छाछी बिल्डिंग चौक पर "के -71 दुग्गल बिल्डिंग "नाम से बिल्डिंग 
हैं जिसमें सोलह फ्लैट्स हैं बिल्डर सारे फ्लैट्स बेचकर पहले ही जा चुका है
 जाते समय उसने बिल्डिंग के मेंटिनेंस के लिए एक मोबाईल टावर लगवाया था 
किंतु जाते जाते वो भी बेच गया !अब बिल्डिंग में टॉप फ्लोर पर रहने वालों 
की मदद से किराया कोई दूसरा लेता है जो बिल्डिंग का सदस्य नहीं है!इसीलिए 
बीते 18 वर्षों में बिल्डिंग का मेंटीनेंश बिल्कुल नहीं किया गया है 
!बिल्डिंग के मेंटिनेंस से मोबाईल टावर वालों का कोई लेना देना नहीं है  
दूसरी ओर बिल्डिंग में रहने वाले अपने पैसों से मेंटिनेंस तब तक नहीं करना 
चाहते हैं जब तक मोबाईल टावर का अब तक का किराया उन्हें नहीं दिलाया जाता 
या फिर मोबाईल टावर हटाया नहीं जाता !रख रखाव के अभाव में  अब तो बेसमेंट 
में भी पानी भरा रहने लगा है !
       
 मोबाईल टावर वाले और बिल्डिंग के टॉप फ्लोर वालों ने मिलकर छत पर जाने के 
रास्ते पर ताला लगाकर चाभी अपने पास रख ली है अपनी पानी की टंकियाँ अलग लगा
 ली हैं !उनकी गुंडागर्दी का आलम यह है कि छत पर रखी हुई पानी की सामूहिक 
12 टंकियों में पहले तो सभी प्रकार से गंध डाला जाता रहा बाद में उन्हीं 
लोगों ने टंकियां फाड़ दीं पाइप तोड़ दिए पिछले दो वर्ष से बिल्डिंग में रहने
 वाले लगभग 10 फ्लैटों का पानी बंद कर दिया गया है उन लोगों की गुंडा गर्दी
 ,मारपीट और अवैध वसूली से तंग आकर कई लोग फ्लैट बेच कर भाग गए किंतु कोई 
कहीं कम्प्लेन नहीं करते क्योंकि मोबाईल टावर से आने वाले किराए से  
सम्बंधित अधिकारियों कर्मचारियों तक को खर्चा पानी पहुँचा दिया जाता है इसलिए उनकी शिकायत पर सुनवाई तो होती नहीं है अपितु उनका उत्पीड़न जरूर होने लगता है इसलिए वो खाली करके चले जाते हैं । 
 
    MCD वालों से बिना परमीशन लिए एवं  बिल्डिंग में रहने वालों से बिना 
सहमति लिए गुंडागर्दी पूर्वक ये टावर लगाया गया था इसका किराया भी वही लोग 
घूस खोर अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से लेते जा रहे हैं !गुंडागर्दी 
की कमाई का स्वाद चख चुके जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी लोग टावर हटाने 
संबंधी किसी शिकायत पर कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं हैं तरह तरह के बहाने
 बताते रहते हैं !उनकी बातों के वीडियो यदि सार्वजानिक कर दिए जाएं तो 
उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । ये टॉवर सन 2013 में बुक किया 
जा चुका है किंतु हटाने से बचने के लिए ये घूस खोर किराए के लालची लोग नई 
नई दलीलें दे देकर समय पास करते जा रहे हैं !ऐसी  परिस्थिति में घूसखोर 
अधिकारियों कर्मचारियों की मदद से गुंडे बदमास लोग यदि इस बिल्डिंग को 
गिराने में सफल हो जाते हैं तो उसमें होने वाली मौतों के लिए किसे 
जिम्मेदार माना जाएगा !
     अतएव आपसे
 निवेदन है कि इस बिल्डिंग में रहने वाले लोगों की जीवन रक्षा के लिए इस 
मोबाईल टावर को अविलम्ब हटवाइए साथ ही गुंडागर्दी पूर्वक पानी की टंकियाँ 
तोड़ने वालों पर कठोर कार्यवाही कीजिए !इसके साथ ही एक निवेदन और भी है कि अब इसे अविलंब हटवा ही दीजिए जाँच के झमेले में मत डालिए क्योंकि सरकारी विभागों में बीते तेरह सालों से केवल जाँच ही चलती 
रही है !विशेष बात ये है कि यदि आप कुछ करवा सकते हों और करवाना चाहते हों 
तो जिम्मेदारी पूर्वक करवाइए अन्यथा मना कर दीजिएगा क्योंकि सरकारी मशीनरी 
से कई बार धोखा खाए हुए लोग आपके द्वारा भेजी जाने वाली जाँच में सहयोग के लिए तब तक तैयार नहीं होंगे जब तक उन्हें विश्वास में नहीं लिया जाएगा !यहाँ रहने वालों को भय है कि सरकारी जाँचों से और तो कुछ होगा नहीं किंतु टावर का माल खाने वाले गुंडे लोग जीना मुश्किल जरूर कर देंगे !ऐसा ही पहले से भी होता चला आ रहा है ।  
                                   निवेदक -
        इस बिल्डिंग एवं बिल्डिंग में रहने वाले लोगों का शुभ चिंतक -
महोदय एक बार इसे जरूर देखें -http://epaper.livehindustan.com/story.aspx?id=1713071&boxid=115120774&ed_date=2017-2-4&ed_code=1&ed_page=4 
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