काँग्रेसउवाच- 'महिलाओं का घूंघट करना हरियाणा की मूल संस्कृति नहीं है। यह प्रथा विदेशी
आक्रमणों के बाद घुसपैठियों के डर से शुरू हुई। बीजेपी सरकार आगे की सोचने
के बजाय और राज्य को आगे ले जाने के बजाय बीत चुके समय में चली जाना चाहती
है।'see more... ttp://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/chandigarh/controversy-on-haryana-governments-ad-which-says-veil-is-pride-of-state/articleshow/59352609.cms
बंधुओ !काँग्रेसी मानसिकता ही इस तरह की है कि इस देश में जो पहले होता चला आ रहा है वो पिछड़ापन और जो विदेशों से आया है वही हमारी सभ्यता संस्कृति और संस्कार हैं !घूँघट प्रथा की निंदा करने वाले समझदारी के पुलिंदों से पूछा जाए -
- कांग्रेसियों को भारत के पवित्र इतिहास और परंपराओं से इतनी घृणा क्यों है देश के इतिहास और संस्कृति को मोड़ने मरोड़ने की आदत वो छोड़ क्यों नहीं देते !
- घूँघट' को पिछड़ेपन का प्रतीक बताने वाले काँग्रेसी लोग क्या खुद को पिछड़ेपन से ग्रस्तमाताओं की संतान मानते हैं ?
- घूँघट यदि पिछड़ेपन का प्रतीक है चूँकि भारत में पहले से किया जाता है तो नाक पोंछना शौचना कुल्ला करना कैसे आधुनिक हो गया ?
- घूँघट करना यदि पिछड़ेपन की सोच तो सफाई से रहना सभ्यता संस्कार भी तो उन्हीं माताओं ने सिखाए थे इसे भी क्या पिछड़ापन मानते हैं काँग्रेसी !
- हमारी ये औकात नहीं है कि हम अपने पूर्वजों द्वारा निभाई गई परम्पराओं में कामियाँ निकाल सकें !
- काँग्रेसियों को खुले मंच पर खुली बहस के लिए चुनौती -वो सिद्ध करें कि "महिलाओं का घूंघट करना हमारी मूल संस्कृति नहीं है। यह प्रथा विदेशी आक्रमणों के बाद घुसपैठियों के डर से शुरू हुई। "
- कोई भी स्वाभिमानी भारतीय कांग्रेसियों के इस झूठ को कैसे सह ले कि हमारे पूर्वज इतने डरपोक रहे होंगे कि उन्होंने आक्रमणकारियों के भय से पर्दा प्रथा प्रारम्भ कर दी हमारी माताएँ इतनी डरपोक थीं क्या ?
- घूँघटप्रथा यदि पिछड़ापन का प्रतीक है तो क्या घूँघटमारने वाली माताओं को तमीज सिखाना चाहती है काँग्रेस !
- घूँघट मारने की प्रथा देश में अनंत काल से चली आ रही है इसके पवित्र उद्देश्य रहे हैं ये किसी के डर से नहीं अपितु नारियों की स्वरक्षा के लिए स्वनिर्मित संस्कार था !काँग्रेसी यदि चाहें तो मैं इसके समर्थन में आदिकालीन प्रमाण प्रस्तुत करने को तैयार हूँ वो खुली बहस खुले मंच पर करने को तैयार हों !
- ये देश के लिए शर्म की बात है कि इतने दिन तक शासन करने के बाद भी ये लोग देश के इतिहास और परंपराओं को समझ नहीं पाए हमेंशा भारतीयों को संस्कारों की दृष्टि से भिखारी सिद्ध करते रहते हैं क्यों ?
- काँग्रेसी नेता यदि इतने ही योग्य थे तो देश में सबसे अधिक समय तक शासन करके देश को ऐसा बना क्यों नहीं सके कि महिलाएँ घूँघट खोलकर स्वाभिमान पूर्वक सुरक्षित रह पातीं !
- घूँघट प्रथा का विरोध करने वालों से निवेदन है कि वो अभी भी घूँघट प्रथा को छोड़कर कोई एक भी ऐसा कारगर सुझाव बतावें जिसे अपनापाना संभव हो और उससे महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती हो !
- यदि ऐसा कर पाना संभव है तो कांग्रेसी सरकारों ने बलात्कारों पर अंकुश लगाया क्यों नहीं ?
- जो माताएँ बहनें अभी भी घूँघटप्रथा को अपनाए हुए हैं उन्हें पिछड़ेपन से ग्रस्त बताना उनका अपमान नहीं है क्या ?वो दुनियाँ को किसी दूसरे की आँखों से क्यों देखें और समझें !उनकी निंदा करना कहाँ तक उचित है ?
विशेष -घूँघट रखना या न रखना ये महिलाओं का स्वतंत्र अधिकार है किंतु अपनी परंपराओं की निंदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा !
No comments:
Post a Comment