दिल्ली सरकार और MCD का मिला जुला भ्रष्टाचार !दोनों के बहाने कर रहे हैं दोनों भ्रष्टाचार!अधिकारी कर्मचारी ले रहे हैं दिल्ली सरकार के कलियुगी रामराज्य का आनंद !
पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में K-71,छाछी बिल्डिंग चौक पर दुग्गल बिल्डिंग नाम से 16 फ्लैटों वाली एक बिल्डिंग है जिसकी ऊँचाई लगभग 57 फिट है अलाउड 50 फिट है बाद में अवैध बनाए गए ऊपरी मंजिल पर दो फ्लैट !इसी बिल्डिंग के ऊपर 30 फिट ऊँचा मोबाईल टॉवर लगाया है जिसकी अनुमति न MCD से ली गई और न बिल्डिंग में बने 16 फ़्लैट मालिकों से ही कोई सहमति ली गई !जो इस बिल्डिंग के फ्लैटों में रहते और रेडिएशन से लेकर मोबाईल टावर के द्वारा होने वाली सारी समस्याएँ सहते हैं |इस मोबाईल टॉवर का किराया जिसे मिलता है वो न इस बिल्डिंग में रहता है और न ही इसमें उसका कोई फ्लैट है न ही उसे बिल्डिंग से कोई मतलब ! इस मोबाईल टॉवर के मैकेनिक बिल्डिंग के बीचोबीच बनी सीढ़ी से छत पर जाते आते हैं रिहायसी बिल्डिंग होने के कारण यहाँ रहने वालों को उन अपरिचितों से सभी प्रकार का रिस्क रहता है विस्फोटक आदि ही रखकर चले जाएँ कौन जिम्मेदार होगा !छत पर रखी पानी की टंकियाँ पाइप आदि कई बार तोड़ चुके हैं अभी भी टूटी पड़ी हैं |मेनगेट लकड़ी का है वो कई बार तोड़ चुके हैं |अब बिल्डिंग का गेट रात भर खुला पड़ा रहता है अगर कभी कोई हादसा होता है तो इसके लिए दिल्ली सरकार के अधिकारी कर्मचारी और EDMC जिम्मेदार होगी मोबाईल टावर से आने वाले लाखों रूपए किराए में से बिल्डिंग में कभी कुछ नहीं लगाया गया पिछले कई वर्षों से बेसमेंट में पानी भरने लगा है मोबाईल टावर हटने से पहले अपने खर्चे से फ्लैट वाले इसे ठीक नहीं करना चाहते हैं और बिल्डिंग गिरने से पहले दिल्ली सरकार और निगम इस टावर को हटाना नहीं चाहते हैं !लगभग 12 वर्ष बीत गए हटाना ही होता तो अब तक हट न जाता !यदि अवैध काम इतने लंबे समय तक चल सकते हैं तो कोई वैध काम करने का परमीशन क्यों ले !हर कोई घूस देकर अवैध काम ही क्यों नहीं कर लेगा !अवैध काम करने वालों को EDMC वाले स्टे दिला देते हैं और खुद घूस खाते रहते हैं पैरवी ही नहीं करते ! दिल्लीसरकार के अधिकारी कर्मचारी हों या EDMC के वे भी तो दिल्लीसरकार के ही अंडर में आते हैं !यदि इस बिल्डिंग के साथ कोई हादसा हो जाता है तो क्या दिल्ली सरकार ये कहकर बच जाएगी कि मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं थी !सब जगह शिकायत करके कहीं सुनवाई न होने पर सब जगह घूस खोरी से निराश मोबाईल टॉवर के कारण आधी बिल्डिंग खाली हो गई है और लोग भी धीरे धीरे जा रहे हैं ये है दिल्ली सरकार की भ्रष्ट कानून व्यवस्था ! ऐसे अवैध काम करवाने वाले या अभी तक चलने देने के लिए जिम्मेदार घूस खोर अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही करे दिल्ली सरकार और यदि हिस्सा उसे भी पहुँचता हो तो वो भी EDMC की आड़ लेकर भ्रष्टाचार से कमाई करना जारी रखे !सरकार यदि ईमानदार है तो बिना किसी शिकायत के ऐसे अवैध कार्यों पर नकेल कसे और हटावे ऐसे अवैध मोबाईल टॉवर अन्यथा दिल्ली की भ्रष्ट कानून व्यवस्था को ईमानदार बताती रहे !
पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में K-71,छाछी बिल्डिंग चौक पर दुग्गल बिल्डिंग नाम से 16 फ्लैटों वाली एक बिल्डिंग है जिसकी ऊँचाई लगभग 57 फिट है अलाउड 50 फिट है बाद में अवैध बनाए गए ऊपरी मंजिल पर दो फ्लैट !इसी बिल्डिंग के ऊपर 30 फिट ऊँचा मोबाईल टॉवर लगाया है जिसकी अनुमति न MCD से ली गई और न बिल्डिंग में बने 16 फ़्लैट मालिकों से ही कोई सहमति ली गई !जो इस बिल्डिंग के फ्लैटों में रहते और रेडिएशन से लेकर मोबाईल टावर के द्वारा होने वाली सारी समस्याएँ सहते हैं |इस मोबाईल टॉवर का किराया जिसे मिलता है वो न इस बिल्डिंग में रहता है और न ही इसमें उसका कोई फ्लैट है न ही उसे बिल्डिंग से कोई मतलब ! इस मोबाईल टॉवर के मैकेनिक बिल्डिंग के बीचोबीच बनी सीढ़ी से छत पर जाते आते हैं रिहायसी बिल्डिंग होने के कारण यहाँ रहने वालों को उन अपरिचितों से सभी प्रकार का रिस्क रहता है विस्फोटक आदि ही रखकर चले जाएँ कौन जिम्मेदार होगा !छत पर रखी पानी की टंकियाँ पाइप आदि कई बार तोड़ चुके हैं अभी भी टूटी पड़ी हैं |मेनगेट लकड़ी का है वो कई बार तोड़ चुके हैं |अब बिल्डिंग का गेट रात भर खुला पड़ा रहता है अगर कभी कोई हादसा होता है तो इसके लिए दिल्ली सरकार के अधिकारी कर्मचारी और EDMC जिम्मेदार होगी मोबाईल टावर से आने वाले लाखों रूपए किराए में से बिल्डिंग में कभी कुछ नहीं लगाया गया पिछले कई वर्षों से बेसमेंट में पानी भरने लगा है मोबाईल टावर हटने से पहले अपने खर्चे से फ्लैट वाले इसे ठीक नहीं करना चाहते हैं और बिल्डिंग गिरने से पहले दिल्ली सरकार और निगम इस टावर को हटाना नहीं चाहते हैं !लगभग 12 वर्ष बीत गए हटाना ही होता तो अब तक हट न जाता !यदि अवैध काम इतने लंबे समय तक चल सकते हैं तो कोई वैध काम करने का परमीशन क्यों ले !हर कोई घूस देकर अवैध काम ही क्यों नहीं कर लेगा !अवैध काम करने वालों को EDMC वाले स्टे दिला देते हैं और खुद घूस खाते रहते हैं पैरवी ही नहीं करते ! दिल्लीसरकार के अधिकारी कर्मचारी हों या EDMC के वे भी तो दिल्लीसरकार के ही अंडर में आते हैं !यदि इस बिल्डिंग के साथ कोई हादसा हो जाता है तो क्या दिल्ली सरकार ये कहकर बच जाएगी कि मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं थी !सब जगह शिकायत करके कहीं सुनवाई न होने पर सब जगह घूस खोरी से निराश मोबाईल टॉवर के कारण आधी बिल्डिंग खाली हो गई है और लोग भी धीरे धीरे जा रहे हैं ये है दिल्ली सरकार की भ्रष्ट कानून व्यवस्था ! ऐसे अवैध काम करवाने वाले या अभी तक चलने देने के लिए जिम्मेदार घूस खोर अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही करे दिल्ली सरकार और यदि हिस्सा उसे भी पहुँचता हो तो वो भी EDMC की आड़ लेकर भ्रष्टाचार से कमाई करना जारी रखे !सरकार यदि ईमानदार है तो बिना किसी शिकायत के ऐसे अवैध कार्यों पर नकेल कसे और हटावे ऐसे अवैध मोबाईल टॉवर अन्यथा दिल्ली की भ्रष्ट कानून व्यवस्था को ईमानदार बताती रहे !
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