एक ओर गौ माता की जयकारों के नारे लग रहे हैं तो दूसरी ओर गऊओं की गर्दनों पर आरे चल रहे हैं !धिक्कार है हमारे ऐसे गौ प्रेम को !
हममें से बहुत लोग ऐसे हैं जो गौ रक्षा के नाम पर बड़े बड़े संस्थान या संस्थाएँ आदि चलाते हैं इसके नाम पर चंदा इकठ्ठा करते हैं उस चंदे से अपने लिए कारें खरीदते हैं आश्रमों के लिए जमीनें खरीदते हैं उसी पैसे से आश्रम बनते हैं संगमरमर लग रहा होता है उच्च कुटी की सारी सुख सुविधाओं की व्यवस्थाएँ होती हैं गो रक्षा के नाम पर बैनर पोस्टर बनते हैं प्रचार प्रसार होता हैं कार्यक्रम किए जाते हैं नेता खूँटा बोलाए जाते हैं वो भी कुछ बोल बककर चले जाते हैं दस बीस गौएँ आश्रमों में रख लेते हैं उन्हें दिखा दिखाकर भीख माँगने के लिए जिन्हें किसी दाता को देखकर गुड़ खिलाया जाता है । क्या यही हमारी गो सेवा है !आखिर ये मक्कारी क्यों ?गायों की गर्दनों पर आरे चलाने वालों से हम कम दोषी नहीं हैं यदि गो रक्षा के नाम पर धन माँग माँग कर और उसे अपनी एय्याशी पर खर्च करते हैं !यदि चंदा इकठ्ठा करते हैं तो आखिर ऐसा जन समुदाय क्यों नहीं तैयार किया जाता है जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके और बंद कराई जा सकें गोहत्याएँ !
यदि हम सनातन धर्मी हिन्दू हैं और हम लोग गाय को माता मानते हैं तो हिन्दुओं की वही गौ माता वर्षों से काटी जा रही है,यह हम सबको पता है हमें यह भी पता है कि हम संगठित होकर बहुत कुछ कर सकते हैं किन्तु हम न जाने किस भय से मौन हैं ,हम सह रहे हैं, फिर भी हम न केवल जिन्दा हैं अपितु हम स्वस्थ हैं प्रसन्न भी हैं, हम सब सुख भी भोग रहे हैं, धिक्कार है हमारे ऐसे गौ प्रेम को ! क्या हमारे अपने सगे सम्बन्धियों के साथ इसीप्रकार का दुर्व्यवहार हो रहा होता तो भी हम ऐसे ही कायरता पूर्वक सह जाते !यदि हाँ तो लानत है हमारे पौरुष को, और यदि नहीं तो बंद कर देना चाहिए हमें गाय को माता कहना अन्यथा समाज हमारी इस कायरता पर न केवल लज्जित होगा अपितु हँसेगा भी कि जो हिन्दू माता मानी जाने वाली अपनी गायों की रक्षा नहीं कर सका उससे भारत माता और धरती माता क्या आशा करे !
कई संगठन और लोग गौ नाम पर विभिन्न मंत्रालयों और सरकारों के लिए केवल पत्र लिखा करते हैं और उनकी कापियाँ लोगों को दिखा दिखाकर वसूला करते हैं समाज से चंदा ,जनता और यजमानों को देखकर खिलाने लगते हैं गायों को गुड़ ताकि दोबारा चंदा माँगने जाएँ तो वो लोग मना न करें क्योंकि गुड़ खिलाते देखा जो है।
एक गौ भक्त सज्जन हमारे पास आए गायों की रक्षा पर कहीं संगोष्ठी करने जा रहे थे तो हम से कहने लगे कि आपको भी चलना है मैंने पूछा अभी तक गो रक्षा के विषय में आपने क्या क्या किया है उन्होंने कई संगोष्ठियां गिनाईं साथ ही बताया कि उन्होंने गौ रक्षा के लिए प्रधान मंत्री जी को पत्र भी लिखा है तो हमने कहा कि पत्र तो उन लोगों ने भी लिखे होंगे जो गो हत्या में सम्मिलित होंगें
क्योंकि उनकी भी कुछ समस्या होगी तभी तो काटते हैं गौएँ और मोदी जी को
प्रधान मंत्री होने के नाते सुननी उनकी भी पड़ेगी ।
इसलिए अब गौ भक्त सनातन
हिन्दुओं की ओर से सामूहिक रूप से कोई ऐसा कदम उठाना पड़ेगा जिससे
सरकारों को ये समझ में भी आना चाहिए कि गो हत्या से हिन्दू बेचैन हैं ।
गायों की सुरक्षा के लिए कोई संस्था या संस्थान बना लेना , कुछ बैनर पोस्टर
बनाकर गोरक्षक के रूप में अपनी पहचान बना लेना , कुछ लोगों से चंदा इकठ्ठा
करने लग जाना,वर्ष में एक दो बड़े सम्मलेन करके कुछ बड़े बड़े लोगों के भाषण
करवा देना, कुछ मंत्रियों के साथ फोटो खिंचवा लेना आदि सब कुछ किया जा
सकता है किन्तु इस सारी गौ सेवा की पोल तब खुल जाती है जब कोई बड़ा दानी
आया हुआ देखकर वो तथाकथित गो भक्त गायों को गुड़ खिलाने लग जाते हैं वो
सम्पन्न व्यक्ति भी यह समझ जाता है कि यह सारा प्रदर्शन मेरे लिए किया जा
रहा है आखिर वो भी व्यापारी आदमी हैं उन्हें भी ऐसी गतिविधियों से दिन में
कई बार गुजरना पड़ता है ।
इसलिए मेरा निवेदन मात्र इतना है कि गो रक्षा के लिए समर्पित भावना से प्रयास किया जाना चाहिए !
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