किसी नशेड़ी मनुष्य को पूजने से समाज तो नशेड़ी बनेगा ही तथा श्री राम और श्री कृष्ण को पूजने से नशा मुक्त समाज का निर्माण होगा !
" धर्म के लिए साईं को नहीं नशे को ख़त्म करना जरूरी " -एक अखवार में प्रकाशित समाचार
किंतु नशे को समाप्त करने के लिए साईं जैसों की पूजा बंद करनी ही पड़ेगी , कोई गुड़ खाने वाला व्यक्ति किसी और को गुड़ खाने से कैसे रोक सकता है इसी प्रकार से साईं चिलम पीते थे तो साईंयों को चिलम पीने से कैसे रोका जा सकता है और चिलम पीने से नशा तो होता ही होगा और नशे में आदमी कुछ भी कर सकता है इसलिए अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने के लिए बंद करना होगा साईँ को पूजना अन्यथा इन चिलमियों की गिद्ध दृष्टि सनातन धर्म की शास्त्रीय मान्यताओं को ध्वस्त करने पर लगी हुई है इसलिए यदि सनातन धर्म और समाज को बचाना है तो नशा और नशेड़ियों को तथा चिलम और चिलमियों का साथ करना छोड़ने का व्रत लेना होगा और बंद करना होगा साईं पत्थरों का पूजन ।
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