Friday, 19 September 2014

साईं जीवन भर मस्जिद में रहे मरने के बाद मंदिरों  पर मधे जा

अगर साईं कि सेवा में ही मेवा मिल रही होती
   तो फटीचर साईं बुड्ढे के न लड्डू बेचते होते !
किसी को गर्ज होती तो वो ले आता चढ़ा लेता
मुनाफा लड्डुओं का ये चढ़ावा क्यों बताते हैं ?
                   लेखक - डॉ.शेष नारायण वाजपेयी


सुना है साईं पानी से जला देते थे दीपक भी
बिना घी तेल के केवल जलाकर रुई की बाती ।
अगर पेट्रोल मिल जाता तो दुनियाँ ही जला देते
न सुना है देवता कोई हुआ हो इतना उत्पाती ॥
           - लेखक - डॉ.शेष नारायण वाजपेयी


कहा है कोर्ट में जाकर कि देते लोग हैं गाली
अरे !साईं के अनुरक्तो बजावे कोई क्यों ताली !
मचाया मंदिरों में जो घिनाफन साईं बुड्ढे ने
उसे जो देख लेता है हृदय में हूक उठती है !!
- लेखक - डॉ.शेष नारायण वाजपेयी




जो अखंडकोटि ब्रह्मांड नायक साईं को कहते
वो सीताराम राधेश्याम शिव को मानते क्या हैं?
पराम्बा भगवती दुर्गा तथा वो वीर बजरंगी
को ध्याते राम भक्तों की भुजाएँ फड़क उठती हैं॥
- लेखक - डॉ.शेष नारायण वाजपेयी

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