Tuesday, 7 October 2014

ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य कभी जातिवादी नहीं रहे अन्यथा पतन उनका भी हुआ होता !

    सवर्णों ने अपने जीवन में हमेंशा पारदर्शिता रखी थी उन्हें महत्व मिलने का एक कारण  ये भी रहा है !

 

 

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