Sunday, 29 March 2015

हे अन्ना जी ! सादगी की कसमें खाने वाले आपके चेले दिल्ली वालों को चैन से जीने नहीं दे रहे हैं !

  बंधुओ !   
ये वास्तव में कोई राजनैतिक पार्टी  है या कुछ गंदे लोगों  का गिरोह !जिन्हें शर्म नहीं  आई भाषण देते जब सामने फाँसी के फंदे में एक किसान जीवन मौत से जूझ रहा था फड़फड़ा रहे थे उसके प्रान !नेता दे रहे पुलिस और केंद्र सरकार विरोधी बयान !यह कैसी किसानों की हमदर्दी !
  किसान  पेड़ पर लटकता छटपटाता रहा रैली चलती रही सियासी भाषण परोसे जाते रहे यदि रैली किसानों के लिए होती तो तुरंत बंद कर दी जाती रैली पहले किसान को देखा जाता किंतु किसानों को तो मोहरा बनाया जा रहा था वस्तुतः भावी प्रधानमंत्री बनने बनाने के लिए बिसात बिछाई जा रही थी !धंधे का सवाल था आखिर बंद कैसे कर दी जाती रैली !
    मृतप्राय  किसान को अस्पताल भेजा गया क्या दो शब्द संवेदना के नहीं होने चाहिए थे क्या सामूहिक रूप से परमात्मा से प्रार्थना नहीं कराई जा  सकती थी किसान की सुरक्षा के लिए क्या उन पापियों को तुरंत अस्पताल में नहीं पहुँचना चाहिए था क्या उनके अपने घर का कोई होता तो भी रैली चलती रहती और पुलिस पर ठीकरा फोड़कर चालू कर दी जाती भाषण बाजी !
   बारे अन्ना हजारे जी !इन्हीं किसान द्रोही पाखंडियों के बल पर तुम मिटा  रहे थे देश से भ्रष्टाचार!                                   
 श्रीमान अन्ना जी !ये तुम्हारे पाखंडी समाज  सेवक तो सत्ता मिलते ही पागल हो  रहे हैं सत्ता के लिए !  इतनी गंदगी समेटे  घूम  रहे थे तुम !इन कपटी ईमानदारों के बल पर आप  लाना चाह रहे थे देश में स्वराज और भगाना चाह रहे थे भ्रष्टाचार किंतु मान्यवर अन्ना जी ! देश में आपके कुनबे के अलावा और कहाँ है इतना अविश्वास और भ्रष्टाचार इतनी गंदी भाषा !इन मूल्यों संस्कारों की दिखावटी बातें करने वाले लोगों के हृदय इतने गंदे हैं !हे अन्ना जी ! गंदगी का यह गिरोह तो  रामलीला मैदान में भी आपके चारों ओर विद्यमान  था !आप पर बहुत बड़ी कृपा रही इनकी अन्यथा ये वहाँ आपके मंच पर भी कुत्ते बिल्लियों की तरह लड़ सकते  थे और गँधवा सकते थे  आपका आंदोलन किंतु शांत ही रहे ये सत्ता लोलुप किंतु लड़ते किस लिए इन्हें सत्ता तो आज मिली है सत्ता पाकर बौराने वाले हैं ये लोग ! एक दूसरे को कैसी कैसी गालियाँ देते हैं ये लोग !ऐसे लोग सत्ता और पद के लिए पागल हैं यही लोग  ईमानदारी सादगी समाज सेवा  और भ्रष्टाचार मुक्ति की बातें कर रहे थे किंतु इतना अहंकार इतना कलह  गंदी जबान तो शायद देश की सर्वाधिक भ्रष्ट कही जाने वाली पार्टियों में भी नहीं दिखी होगी ऊपर से इसी गिरोह का  एक  सदस्य जो भूतपूर्व  पत्रकार भी है वो कितनी बेशर्मी से इन गालियों की वकालत कर रहा था दिया गया  होगा  उसे भी  कुछ बनाने का लालच !ईमानदारी  नाम  बना ये  गिरोह   राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है !
     इनलोगों ने भ्रष्टाचार विरोधी समाज को बहुत बड़ा धक्का पहुँचाया है इसके दुष्परिणाम  भविष्य में और भी सामने आएँगे तथा भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाना किसी के लिए भी अब और अधिक कठिन होगा !जनता अब क्यों करेगी किसी भले आदमी पर भरोसा !
इसी विषय में पढ़ें हमारा यह लेख -
        आम आदमी पार्टी में किसी का कोई भविष्य नहीं है जानिए  क्यों ?
   ज्योतिष की दृष्टि में तो आम आदमी पार्टी का  ही कोई भविष्य नहीं है इसलिए इस पार्टी में दुर्भाग्यवश जो जितना बड़ा चौधरी बनकर जितने अधिक दिन टिक जाएगा वो उतना अधिक बेइज्जत होकर निकलेगा इसलिए जो जितनी जल्दी निकल गए या निकाल दिए गए वो भाग्यशाली हैं इसीविषय में seemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/03/blog-post_11.html-

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