Thursday, 5 March 2015

आम आदमी पार्टी की रासलीला मंडली से बाहर किए गए योग्य सक्षम शालीन एवं बरिष्ठ नेता लोग !

आमआदमीपार्टी के चतुर चिकित्सकों को उनकी कुशल कारीगरी के लिए बहुत बहुत बधाई !बड़ालंबा चला आपरेशन और  सफलता पूर्वक निकाली गईं पार्टी की दोनों किडनियाँ !चलो अभी ही दर्द में आराम तो हो !!

    आम आदमी पार्टी के 6 घंटोंतक चले लंबे आपरेशन से सफलता पूर्वक निकाली गईं पार्टी की दोनों किडनियाँ !ऐसा करके चतुर चिकित्सकों को अपनी चाल सफल होने की खुशी होनी तो स्वाभाविक है ही किंतु उनकी जगह ट्राँसप्लांटेशन ठीक हो तब न !अन्यथा डॉक्टरी पढ़ कर आए नए नए अनुभव विहीन लोगों ने केवल यह देखने के लिए आपरेशन कर डाला कि देखें उन्हें आपरेशन करना आता है या नहीं !अच्छी भली चल रही अपनी पार्टी की किडनियों को निकाल कर वो खुश तो हैं किंतु खुशी का अवसर ये नहीं है अपितु वास्तविक ख़ुशी तो तब होनी चाहिए जब उनकी  जगह प्रत्यारोपण ठीक हो सके !किंतु ये नौ सिखिए यदि इतने ही समझदार होते तो किडनियाँ बिना निकाले भी दवा से भी काम चला सकते थे ,अपनी ओरिजनल किडनियों की बराबरी किसी और की लगाई गई प्रत्यारोपित किडनियों से कैसे की जा सकती है आखिर डायलिसिस की भी तो सीमा है !उनकी जगह अब किसी और किडनियों को प्रत्यारोपित किया जाएगा किंतु इस प्रत्यारोपण  के बाद  दर्द नहीं होगा इसकी क्या गारंटी  ?चूँकि दर्द का कारण किडनियाँ नहीं अपितु पार्टी का वो दिमाग है जिसे बहम हो गया है कि उसे दर्द है और वो भी किडनियों के कारण !जबकि पार्टी की जीत की खुशी में लीवर दिनोंदिन बढ़ता जा रहा था जसके कारण किडनियों के काम करने में बाधा उत्पन्न हो रही थी अब लीवर तो वैसा ही है किंतु किडनियाँ बाहर कर दी गई हैं फिर भी समझदार नए नए डाक्टर हैं कोर्स करके आए हैं जो करेंगे अच्छा ही करेंगे किन्तु मैंने सुना है कि सलाह बूढ़े बैद्य की ही अच्छी मानी जाती है,"नया ज्योतिषी वैद्य पुरान"  खैर ,हमारी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि आम आदमी पार्टी को अब ऐसा दर्द कभी न  हो जैसा अबकी हुआ ,पिछले काफी दिनों से बहुत परेशान रही पार्टी !इस दर्द से पार्टी का एक एक पार्ट न केवल परेशान था !अपितु कराह रहा था शोर सुनकर मीडिया वाले भी जमावड़ा लगे थे यद्यपि आम आदमी पार्टी के कुशल चिकित्सकों की इस बात के लिए तो प्रशंसा की ही जानी  चाहिए कि अंग में घाव होने लगता है ये उसकी दवा न करके अपितु आपरेशन करके हाथ के हाथ अंग ही निकाल  देते हैं किन्तु इन ओरिजन अंगों को भुला  पाना भी उतना आसान नहीं होगा क्योंकि ये पार्टी की प्रकृति में पैदा हुए अंग हैं !ईश्वर इन ऑपरेटेड अंगों को इतनी सामर्थ्य दे कि ये अपने डॉक्टरों को क्षमा करते रह सकें !

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आम आदमी पार्टी की कलह का कारण आखिर है क्या ? ज्योतिष की वैज्ञानिक और तर्क पूर्ण दृष्टि से समझिए कि दिल्ली में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी सरकार तो तब चलेगी जब पार्टी बचेगी किंतु प्याज के छिलकों की तरह यदि ऐसे ही एक एक परत उतारते रहेंगे तो पार्टी हो या सरकार आखिर बचेगा क्या ? आमआदमीपार्टी का जब जब कोई विखराव होगा तब तब उसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सूत्रधार कोई 'अ' या 'स' अक्षर से प्रारंभ नाम वाला अपना सदस्य होगा !-ज्योतिष
   आमआदमी पार्टी हो या अरविन्द केजरीवाल इन दोनों का सहयोग 'अ' और 'स' अक्षर वाले लोगों से संभव नहीं है इसलिए ये सच है कि पार्टी में बगावत कोई भी करे किन्तु उसकी जड़ में 'अ' और 'स' अक्षर वाले लोग होंगे इसमें उनकी कोई गलती या साजिश नहीं कही जा सकती किन्तु ग्रह दोष के कारण ये लोग पार्टी की सेवा कर ही इसी प्रकार से  सकेंगे इन्हें वही रास्ता पसंद आएगा जो पार्टी और अरविन्द जी के हित  में नहीं होगा see more...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.com/2015/02/blog-post_13.html


आमआदमीपार्टी अपने को सँभाल क्यों नहीं पा रही है ?
आमआदमीपार्टी के लोग अन्ना आंदोलन से अभी तक किसी के साथ बना कर क्यों नहीं चल पा रहे हैं ? कुछ नेता हट गए कुछ हटाए जा रहे हैं आखिर क्यों ?
  राजनीति चलती भी चाटुकारों से है और नष्ट भी उन्हीं से होती है !इसलिए चटुकारिता से ऊपर उठकर ही कुछ किया जा सकता है !और कुछ भी हो किन्तु पार्टी विजय को पचा नहीं पा रही है !
    किसी समाजsee more....http://samayvigyan.blogspot.in/2015/03/blog-post_53.html

 


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