'ऐ ओवैसी'भाईसाहब ! संघ
दे सकता है बच्चे पैदा करने की उचित और योग्य सलाह क्योंकि राष्ट्रहित में
उनसे अधिक कौन सोचता है !जनसंख्या नियंत्रण में भी उनका अतुलनीय योगदान है
वहाँ अधिकाँश लोग अविवाहित हैं और राष्ट्रहित उनकी दृष्टि में सर्वोपरि
होता है !अपने बच्चे पैदा न करके भारत माता के सभी बच्चों को अपनापन देने का काम करता है संघ !
ऐ मेरे देशभक्त बंधुओ ! ‘संघ
को "कुंआरों का क्लब" कहने वाले 'ओवैसी' जैसे लोग देशहित की भावना से
सोचकर देखें तो पता लगेगा संघ क्या है और देश के लिए कितना समर्पण है उनमें
,अपनी सारी सुख सुविधा समेत समस्त भोग भावनाओं पर लगाम लगाकर
राष्ट्रभावना से जीने वाले पवित्र प्रचारकों के बारे में क्या
जानें'ओवैसी'जैसे जनसंख्याबर्द्धक लोग !
ओवैसी
भाई की मति मारी गई है वो उल्टा ही सोच सकते हैं असंयमित ही बोल सकते हैं
उनकी सोच राष्ट्रवादी न होकर अपितु राजनीतिवादी है वो क्या जानें
निःस्वार्थ भावना से भारत माता के श्री चरणों में समर्पित होने का महत्त्व !
उन्होंने जो कुछ पाया है वो औरों को गाली देकर ही हासिल किया है किंतु संघ
जैसे पवित्र संगठन को समझने की क्षमता कहाँ है उनमें !
दूसरी ओर संघ के वो लोग हैं जो
अपने संस्कारों के द्वारा ही समाज को प्रभावित करते हैं बच्चे पैदा करने
की सलाह तो कुँवारे ही दे सकते हैं क्योंकि जो कुँवारा है उसके अपने बच्चे
तो हो भी नहीं सकते इसलिए अपना खाता क्लोज्ड !अब तो ऐसे सभी सदाचारी
अविवाहित ,कुँवारे,और ब्रह्मचारी लोग औरों की ही घर गृहस्थी सभा समाज आदि
सुसंस्कारों से सजाने सँवारने के लिए अपना तन मन धन आदि सर्वस्व न्योछावर
कर देते हैं गृहस्थियों के यहाँ खाना और उन्हीं के उत्थान के विषय में
सोचना एवं राष्ट्ररक्षा के लिए जीवन धारण करना और ईश्वर के प्रति समर्पित
भावना से जीवन जीना यही तो संघ के संस्कार हैं एक दो वस्त्र साथ में और
अधिक से अधिक किराए भाड़े के पैसे पास में निश्चित भ्रमण ,सुदृढ़ लक्ष्य
,अनिश्चित भोजन प्रवास,संघर्षशील जीवन इसी भावना से भारत माता की सुखद गोद
में सहज शयन कर लेने वाले संघ के समर्पित स्वयं सेवकों के व्रती जीवन से
अपरिचित ओवैसी जैसे असंयमित लोग क्या जानें इस पवित्र विरक्तता का महत्त्व
!
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