बात बात में त्याग की तलवारें चमकाने वाले लोग यदि राजनीति के लिए इतना तनाव क्यों सहते रहे किनारा करने का विकल्प तो इनके पास भी था !
अब की बार 5 साल तक इस्तीफा नहीं दूंगा: केजरीवाल.
किन्तु
योगेंद्र और प्रशांत जी जैसे और भी पूर्व आपी लोग भी कुछ कर रहे हैं याद
ये भी रखना चाहिए अन्यथा जिन्हें आपकी सरकार और पार्टी दोनों में कोई पद
प्रतिष्ठा नहीं दी गई है उनके घर वाले और नाते रिश्तेदार पूछते तो उनसे भी
होंगे कि आप कुछ क्यों नहीं बनाए गए क्या आपके ऊपर 'आप'के प्रमुख देवता
भरोसा नहीं करते हैं तो इतना झूठ वो कहाँ तक बोलेगे कि अगले महीने बना
देंगे किंतु ऐसे विधायकों के पास यदि कभी कोई सुन्दर सा ऑफर मंत्री बनने का
आया तो फिर मुख्यमंत्री कोई बने मंत्री तो वो भी बनना ही चाहेंगे और इसमें
गलत भी क्या है जिसके पास दो विधायक होंगे वो मंत्री बना दिया जाएगा ऐसा
श्लोगन वैकल्पिक सरकार बनाने में प्रभावी हो सकता है और जब आप मुख्यमंत्री
बनने की इच्छा नहीं छोड़ सके आज पार्टी छोड़ छोड़कर जा रहे हैं लोग तो वो
विधायक मंत्री बनने की इच्छा क्यों छोड़ देंगे ये राजनीति है यहाँ सत्ता के
लिए एक से एक भले लोग पागल हो उठते हैं और देने लगते हैं गालियाँ !तो वो
विधायक भी यदि अंदर अंदर मंत्री बनने के लिए हाथ पैर मार ही रहे हों तो
क्या पता !साथ ही उन्हें ये भी पता है कि आमआदमी पार्टी में अभी तक तो केवल
आपकी चल रही थी किंतु अब उनकी चलेगी जो आप के अपने लोग हैं जिन्होंने आप
को आप प्रमुख बनाने में झूठ साँच बोलकर या आपकी दी हुई गालियों तक को
पवित्र बताकर आपका समर्थन किया है आज वो लोग क्या उठा धरेंगे अपने को
महत्वपूर्ण सिद्ध करने में !आखिर उन्हें भी तो अपनों के बीच अपना वजूद
सिद्ध करना है और वो तभी संभव है जब वो महीने पंद्रह दिन मेहनत करके पार्टी
के अंदर के अपने अपने विरोधियों के स्टिंग करें फिर उसे बाहर निकलवा दें
और विरोधी तो सबके होते हैं और बुराई भी हर कोई हर किसी की एकांत में अपने
अपने स्वभावानुसार करता ही है यदि उसका स्टिंग मान्य हुआ तो पार्टी में
बचेगा कौन एक दिन सब बहार होंगे केवल मंत्री और मुख्यमंत्री ही विराजेंगे
पार्टी और पार्टी के पदों पर !
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