Saturday, 7 November 2015

मोदी जी अपने संघप्रचारक स्वरूप को कैसे भूल सकते हैं ! संघप्रचारकत्व के कारण ही तो आज प्रधानमंत्री भी हैं मोदी जी !

"मोदी प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि संघ के प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं- लालू - IBN7"

      किंतु लालू जी !संघप्रचारक होने के कारण ही तो मोदी जी आज  प्रधानमंत्री हैं ! अन्यथा किसी गरीब आदमी को कोई ग्राम प्रधान तो बनाता नहीं है प्रधानमंत्री कौन बना देता ! ऐसे पवित्र संघप्रचारक स्वरूप को मोदी जी भूल कैसे जाएँ जिसने एक चाय विक्रेता को इतना बड़ा सम्मान दिया हो !लालू जी !कितना पवित्र है संघकार्य ! उस स्वरूप को भूल जाएँगे मोदी जी इस बात की आशा भी नहीं करनी चाहिए किसी को !ये बैरागी संगठन के सिपाही होते ही ऐसे हैं श्रद्धेय अटल जी की सरकार एक वोट से गिरी थी यदि संघ के तपस्वी स्वयं सेवक न होते तो उन्हें भी पद प्यारा होता और एक वोट का इंतजाम अलोकतांत्रिक साधनों से किया जा सकता था किंतु हँसते हुए उतार दिया था तरह दिनों का ताज परंतु संघ के स्वयं सेवकत्व पर  अँगुलियाँ उठाने का मौका नहीं दिया था  किसी को !

     वैसे भी लालू जी !आप ये क्यों नहीं समझते हैं कि मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के लिए घर नहीं छोड़ा था अपितु स्वयं सेवक बनने के लिए छोड़ा था और स्वयं सेवक बनकर ही काम करते रहे अपने स्वयं सेवकत्व पर वो गर्व भी करते हैं साथ ही स्वयं सेवक जैसे पद पर कोई अपनी इच्छा से रह सकता है और जब तक चाहे तब  तक रह सकता है किंतु प्रधानमंत्री बनना तो अपनी इच्छा से संभव है नहीं ,वो तो जनता के आशीर्वाद से ही संभव है और जनता जनार्दन है न जाने कब रूठ जाए इसलिए पद ऐसा चुने जो शाश्वत हो स्वतंत्र हो !स्वयं सेवक  ही एक मात्र ऐसा पद है जिसे आप अपनी इच्छा से चुन सकते हैं और जब तक चाहें तब रह सकते हैं इस पद पर !इसलिए अपने संघप्रचारक स्वरूप को कभी नहीं भूल सकते  हैं मोदी जी !

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