लड़का या लड़की लोभ देकर या सपने बड़े दिखाकर फँसा लेता है तो इसे आपसे सहमति माना जाएगा क्या ? बलात्कार या प्रेमी जोड़ों में एक दूसरे की हत्या संबंधी बड़े बड़े कांड अक्सर होते आपसी सहमति से ही हैं !
वस्तुतः प्रेम प्यार की कहानी समय पास करने से शुरू होती है दहेज़ लोभ के कारण कैरिअर बनाकर अधिक उम्र में व्याह करना पड़ता तब तब शरीर की जरूरतें पूरी करने के लिए खेल जाता है प्रेम प्यार नाम का खिलवाड़ जिसे कोई पार्टनर पहले की अपेक्षा जब ज्यादा अच्छा मिलने की संभावना बन जाती है तब वो पहले वाले को अपने जीवन में काँटा समझने लगता है इसलिए उसे अपने जीवन से बिलकुल हटा देना चाहता है इस प्रयास में वो जी जान से लग जाता है यदि उसका पूर्व पार्टनर उसे आसानी से छोड़ देता है तब तो दुर्घटना ताल जाती है अन्यथा आपसी सहमति से उसे किसी एकांत में बुला लेता है और उससे अपने जीवन से हटाने के लिए जितने भी बड़ा निर्णय लेना पड़ता है लेता है जितना भी बड़ा पाप करना पड़ता है करता है !इस प्रकार से आपसी सहमति नामक सुविधा का उपयोग करते हुए एक दूसरे की हत्या तक करते देखा जाता है इसलिए इस आपसे सहमति पर भी कुछ सोचा जाना चाहिए और उचित यही होगा कि मित्रता को मित्रता ही रखने के प्रयास किए जाने चाहिए अपित मित्रता को मूत्रता नहीं बनने दिया जाना चाहिए इसके आलावा महिलाओं से सम्बंधित दुर्घटना को टालने का कोई प्रभावी विकल्प दिखाई ही नहीं पड़ता है ! see more.... https://www.facebook.com/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE--989589957777724/
वस्तुतः प्रेम प्यार की कहानी समय पास करने से शुरू होती है दहेज़ लोभ के कारण कैरिअर बनाकर अधिक उम्र में व्याह करना पड़ता तब तब शरीर की जरूरतें पूरी करने के लिए खेल जाता है प्रेम प्यार नाम का खिलवाड़ जिसे कोई पार्टनर पहले की अपेक्षा जब ज्यादा अच्छा मिलने की संभावना बन जाती है तब वो पहले वाले को अपने जीवन में काँटा समझने लगता है इसलिए उसे अपने जीवन से बिलकुल हटा देना चाहता है इस प्रयास में वो जी जान से लग जाता है यदि उसका पूर्व पार्टनर उसे आसानी से छोड़ देता है तब तो दुर्घटना ताल जाती है अन्यथा आपसी सहमति से उसे किसी एकांत में बुला लेता है और उससे अपने जीवन से हटाने के लिए जितने भी बड़ा निर्णय लेना पड़ता है लेता है जितना भी बड़ा पाप करना पड़ता है करता है !इस प्रकार से आपसी सहमति नामक सुविधा का उपयोग करते हुए एक दूसरे की हत्या तक करते देखा जाता है इसलिए इस आपसे सहमति पर भी कुछ सोचा जाना चाहिए और उचित यही होगा कि मित्रता को मित्रता ही रखने के प्रयास किए जाने चाहिए अपित मित्रता को मूत्रता नहीं बनने दिया जाना चाहिए इसके आलावा महिलाओं से सम्बंधित दुर्घटना को टालने का कोई प्रभावी विकल्प दिखाई ही नहीं पड़ता है ! see more.... https://www.facebook.com/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%BE--989589957777724/
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